लंका में राजकुमार अंगद अंगद की जब सात साल की उम्र थी, तबसे पिता बाली की कई बातें अच्छी तरह से याद हैं। जैसे उनका अपनी राजधानी से बेहद प्यार करना। जैसे उनका एक निश्चिंत आदमी होना। जैसे कि उनका दिन से खानाबदोशों की तरह से सैलानी होना। हर बरस ही साल में दो बार यानी कि एक बार तब जब गरमी का मौसम आता, और दूसरी बार तब जब बरसात का मौसम जाता, वे अपने परिवार के साथ अपनी राजधानी पंपापुर छोड़कर दूर के हरे-भरे पहाड़ों, नदियों-तालाबों की तरफ घूमने चले जाते। कुछ दिन वहीं रहते। अपने पीछे