न्याय - एक अछूत लडक़ी की कथा(भाग 2)

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दुनिया की ऊंच नीच बताई थी।कुंवारी माँ बनने के क्या दुष्परिणाम हो सकते है।बेटी को समझाए थे।माँ के समझाने के बावजूद कमली बोली,"मैं बच्चा नही गिराउंगी।""बिना बाप का बच्चा हरामी कहलाता है।""ऐसा नही होगाकमली अनपढ़ नही थी।गांव के सरकारी स्कूल में उसने आठवीं तक शिक्षा पायी थी।घर में टी वी था।जिसे वह देखती थी।उसने अपना इरादा साफ जाहिर कर दिया था।बेटी की बात सुनकर छमिया सोचने लगी।छमिया की रिश्तेदारी कई शहरों में थी।पुरानी पीढ़ी के उसके हम उम्र तो अब भी सफाई का काम ही करते थे।लेकिन आज़ादी के बाद पैदा हुए नई पीढ़ी के पढ़ लिखकर नोकरी भी करने