"ऋषभ हम सिर्फ दोस्त हैं और दोस्त ही रहेंगे।" कृतिका के मुँह से ये जवाब सुनकर ऋषभ दुःखी हो गया लेकिन फिर भी उसने उम्मीद नही छोड़ी थी। ग्रामीण परिवेश से आयी कृतिका जब यूनिवर्सिटी पढ़ने पहुँची तो लड़को से बात करने में सहज न हो पाती। उसके साथ पढ़ने वाला ऋषभ सादकी से भरी छुई-मुई कृतिका पर कब दिल हार बैठा, उसे पता ही नही चला। कितने दिनों से ऋषभ इस मौके की तलाश में था, कि कब वो अपना हाल-ए-दिल कृतिका को बता सके। समझ तो कृतिका भी रही थी कि ऋषभ के दिल में उसके लिए कुछ तो