छोटा सा कमरानुमा सिलनयुक्त कोर्ट रूम, मुज़रिम व मुज़रिमों को पेशी पे मिलने आये स्वजन. भीड़-भाड़ से गचागच था यह बदबूदार कमरा. एक नाज़िर, जज के स्टेज के ठीक नीचे टाइपिंग मशीन लेकर बैठा हुआ. और एक दरबान ऊपर खड़ा, जो बिलकुल भी सिनेमा में दिखाये जाने वाले दरबान जैसा नहीं लग रहा. और न ही अदालत का वह रूम ही भव्य आलिशान था जैसा की सिनेमाओं में दिखाया जाता. तीन-चार मुज़रिमों के पेशी के बाद फुलिया देवी पेशी के लिए बुलायी गयी. वह वहीं बाहर बैंच पर रस्सियों से बँधी एक सिपाही के साथ बैठी थी. अपने मटमैले साड़ी के