रिसते घाव - २२ - अंतिम भाग

(13)
  • 6.8k
  • 1.7k

अमन ठण्ड की वजह से काँप रहा था । वह उसे कोरिडोर से कुछ आगे ले जाकर खुली जगह में आ गई जहाँ सूरज की हल्की सी धूप पड़ रही थी । कुछ देर धूप में बैठने के बाद अमन की कंपकंपी दूर होने लगी । श्वेता ने जब उसकी तरफ देखा तो वह मुस्कुरा दिया ।‘अमन, कुछ खाओगे ?’श्वेता के पूछने पर अमन ने ना में सिर हिला दिया ।‘ठीक है तो यह पानी पी लो ।’ उसने बोतल से गिलास में पानी निकालते हुए कहा ।‘ना ! घर चलो । मुझे यहाँ घुटन हो रही है ।’ अमन