बूढ़ा घोड़ा

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कांतिलाल ने सामने से आ रहे रिक्शा को आवाज लगाई तो रिक्शेवाले ने रिक्शा रोका।कांति की नजर रिक्शेवाले से मिली, तो वह सकपका उठे। यह तो मोहल्ले के ही रामलखन जी थे। अभी तो वह गांव से अपने बेटे के पास रहने आए थे। उनके बेटे का एक कमरे का घर था। उसमें बीबी और दो बच्चों के साथ रहता था। पर उसका दिल बहुत बड़ा था, इसलिए गांव से माँ और अपने बाबा को ले आया था। रामलखन अक्सर कांतिलाल को अपने घर से बाहर खटिया बिछाकर बैठे मिल जाते थे। कांतिलाल एक फैक्ट्री में क्लर्क थे और एक