विशाल की एनजीओ का नाम आश्रय था। यहां गरीब तबके के बच्चे पढ़ने आते थे। इसके अलावा यहां सिलाई कढ़ाई कंप्यूटर आदि का फोर्स करवा उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाता था। चांदनी पहले दिन वहां पहुंची तो उन बच्चों के साथ उसका मन लगने लगा। साथ ही साथ सिलाई कढ़ाई सीखने आई कुछ लड़कियां उसकी हमउम्र ही थी ।उनसे बातचीत कर उसे अच्छा लगा। विशाल ने उसे पहले दिन 1 घंटे के लिए क्लास लेने के लिए कहा। जिससे की वह बच्चों से घुल मिल जाए और उनके बारे में जानकारी ले सके। चांदनी देख रही थी कि वहां के सभी