दह--शत - 32

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दह--शत [ नीलम कुलश्रेष्ठ ] एपीसोड --32 दूसरे दिन ऑफ़िस से लौटकर अभय बताते हैं, “आकाश सर का ट्रांसफ़र बम्बई हो गया है।” उसे उस घर के रात में पर्दे खुलने व रोशनी होने के जश्न का उत्तर मिल गया है। एक और परिवर्तन समिधा को एक सप्ताह में समझ में आता है। वह व अभय चाहे शाम को सात बजे से लेकर रात के ग्यारह बजे कभी भी घूमकर घर आते हो, उस घर के पहले कमरे की बिजली यदि जल रही हो तो उनके अपनी लेन में घूमते ही बंद कर दी जाती है, यदि बुझी हो तो