गूंगा गाँव - 8

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गूंगा गाँव 8 गंगा दशहरे का अवसर आ गया। घर-घर सतुआ की बहार आ गई। आकाश में बादल मड़राने लगे। जिन बड़े किसानों के यहाँ कुओं की खेती थी,उन्होंने कुछ फसल कर ली थी।उनके खलियानों में गठुआ की दाँय चल रही थी। हरसी के बाँध में पानी समाप्त हो गया था। गन्ने की फसल सूख रही थी। किसान आकाश की ओर ताकने लगे थे। सुबह का बक्त था। गर्म लू अपना असर दिखा रही थी। डाकिये ने कुन्दन के घर में पत्र डाला। जयनारायण की पत्नी लता के लड़का हुआ है। पत्र पढ़कर कुन्दन का मन नाचने लगा। अपने