स्त्री मन के आवर्त्त

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स्त्री मन के आवर्त्त डॉ. डिमरी के कमरे में जाने का इरादा बाँध कर निकले मेरे कदम दरवाजे पर ही ठिठक गए। अभी-अभी मैंने अपने कमरे को ताला लगा कर चाभी पर्स के हवाले की थी। अब मैं उस खिड़की पर हूं जो कोरिडोर में खुलती है। खिड़की का परदा खिसक गया है, अतः गरदन ज़रा