एपीसोड ----31 नीता अनुभा को फ़ोन पर ज़ोर देकर समझाती है ,“जो बाई तुझे दीपावली के दिन बीमार कर डालने की कोशिश कर रही है। कुशल के आस-पास मँडराती रहती है। इतने बड़े त्यौहार पर तेरा ड्राइंगरूम ख़राब कर दिया है तू समझ नहीं पा रही उसकी ईर्ष्या हदें पार कर रही है। ये वो ही है न जो दशा माँ की स्थापना करती है।” “हाँ, वही है।” “इसे तुरंत निकाल दे। तूने ‘जिस्म’ फिल्म नहीं देखी? उसमें एक अमीर बीमार स्त्री की सेवा करने नर्स विपाशा बसु आती है। उस स्त्री को निमोनिया है। बर्फ़ीली सर्दी की रात है।