तानाबाना 14 प्रसन्नमन से घर लौटे प्रीतम ने जब यह खुशखबरी घर आ बाकी परिवार के लोगों को दी तो हर तरफ खुशियाँ छा गयी । औरतों ने आटा भून कर कसार बनाई । पितरों को भोग लगाया और अङोस पङोस में सबका मुँह मीठा कराया । दो महीनों में से एक दिन तो रास्ते में ही टूट गया । बाकी रहे गिनती के उनसठ दिन । बेशक हाथ तंग है पर कुछ तो करना ही पङना है सो परिवार तुरंत तैयारी में लग गया ।इधर मुकुंद ने समधियों से विवाह की तारीख तो पक्की कर ली पर