मुखौटा अध्याय 5 "आप सिर क्यों मुंडाती हो ? क्यों रंगीन साड़ी नहीं पहनती हो ? आपने माथे पर बिंदी क्यों नहीं लगाई ? गहने क्यों नहीं पहनती हो ? आप थाली में क्यों नहीं खाती हो ?" एक दिन हमारे पूछने पर नानी मां ने बहुत पिटाई की । "छोटी बच्ची हो तो बच्ची जैसे ही रहो, ज्यादा बड़ी बनने की कोशिश मत करो !" "बच्चों को क्या पता है ? उनको क्यों मारती हो ?" उस रात बड़ी मां का मेरे पास आना, मुझे चिपका कर लेटना मुझे याद आ रहा है। चंद्रमा की चांदनी की रोशनी में जो