इक समंदर मेरे अंदर मधु अरोड़ा (3) उस कमरे के पास पहुंचते ही कामना के दिल की धड़कन बढ़ गयी थी। पिताजी ने उन्हें पहले भीतर जाने के लिये कहा। वह और गायत्री कमरे के अंदर गयीं तो लगा कि मानो अम्मां उनका इंतज़ार ही कर रही थीं। वे उठ नहीं सकती थीं। उन्होंने इशारे से दोनों को अपने पास बुलाया और सिर पर हाथ फेरा। बड़ी कमज़ोर सी लगीं अम्मां। इतने में नर्स कपड़े में लिपटे एक बच्चे को ले आयी थी। नन्हें बच्चे को पिताजी ने अपने हाथों में ले लिया और कहा – ‘बेटा, जि अपने घर