वो पल

कुछ पल याद मै !करीब नौ साल पहलें का एक बिछडा दोस्त मिला। मे बहुत खुश था उस्से देख कर,और वो मुझको देखकर जैसे चमत्कारीक आश्चर्य मै था,वो भी बेईन्तहा खुश था,उसके खुशी के मारे बोलते बोलते रुक रुक कर अपने आप को बहुत बड़ा धन्यवान मानतां की कीतने साल बाद मिलें अच्छा लगा, मैने कहा, अब कुछ बोलेंगे या ऐसे ही हसी हसीमे वोह पुराने दिनो की ढेर सारी बातो मै पिगल जाएंगें,उसने सबकुछ पूछ लिया कैसे हो, ईतने साल क्यां कीया,कहा थे,स्कूल के बाद नौकरी या कोलेज,सादी हुईं की नहीं हुई और हुई भी तो बच्चे है या