अंक- प्रथमपांच जून सेटरडे की नाईट थी. वक़्त होगा तकरीबन रात के १:३० के करीब.शहर से बारह किलोमीटर दूर बर्थ डे बॉय आलोक अपने जिगरजान दोस्त शेखर के फार्म हाउस पर अपने सब दोस्तों के साथ पार्टी में मशगुल था. धमाकेदार लाइव डी, जे की ताल पर सब अपनी अपनी अनूठी अदा से ज़ूम ज़ूमके पार्टी का मज़ा लुट रहे थे और कल सन्डे था तो पहेले से सर्वसमंती से तय किये हुए फैसले के मुताबिक पार्टी सुबह तक चलने वाली थी. थोड़ी देर बाद अचानक आलोकने शेखर को एक तरफ बुला कर कहा.‘ सुन, मैं घर जा रहा हु.’यु