मनुष्य जीवन मे सीखने की प्रक्रिया माँ के गर्भ त्याग के समय रोने के साथ ही प्रारम्भ हो जाती है , और जीवन पर्यन्त चलती रहती है | किन्तु दुर्भाग्यवश हमारे देश मे कागजो पर काबलियत का दर्ज होना अवसर की अनिवार्यता बन जाती है | ऐसे मे कोई यहाँ की कमजोर शिक्षा को अवसर मे परिवर्तित करे तो वास्तव मे वह धन्यभागी ही हो जाता है | इच्छा जिस इन्श्योरेन्स कम्पनी मे काम कर रही थी, यह एक ऐसी ही कम्पनी थी ,जहाँ समान्य औरतो को अवसर की उपलब्धता उनके अन्दर के जुनून को विकास का मार्ग प्रशस्त कर