दरवाज़ा

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अलार्म की आवाज से नीना चौक कर उठी और झट से अलार्म बंद किया ताकि ललित की नींद खराब हो जाए । धीरे से उठ वह कमरे से बाहर चली गई ललित और नीना की शादी को पंद्रह साल बीत चुके थे। उनके आंगन में दो पुत्र रत्न खिले। पढ़ाई के लिए दोनो को शहर के अच्छे हॉस्टल में दाखिला करवा लिया था। घर पर अब सिर्फ मियां बीवी थे। ललित सुबह ऑफिस चला जाता तो सीधी शाम को ही घर आता। नैना को नौकरी करना पसंद न था वह घर पर ही रहती और ललित भी औरतों के घर से