वे डॉक्टर थे ।छोटे -मोटे नहीं ,बहुत बड़े डॉक्टर,पर बड़े ही सरल,सदय,हँसमुख,मिलनसार और समाजसेवी।पिछड़ी जाति के एक गरीब परिवार में जन्मे थे,इसलिए उन्हें पढ़ाई के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा।गांव वालों ने चंदा करके उन्हें डॉक्टर बनाया था।डॉक्टर बनकर उन्होंने गांव का कायाकल्प कर दिया। उनके परिवार का कायाकल्प तो हुआ ही।शहर में आलीशान बंगला बनाया ।साथ ही बहुत बड़ा प्राइवेट अस्पताल ।कितने तो पैथोलॉजी और जाने क्या -क्या!पत्नी भी सरकारी डॉक्टर और खुद भी मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ डॉक्टर।खूब कमाया ।दोनों बच्चों को विदेश पढ़ने को भेजा।खुद भी हर दो महीने पर विदेश जाते रहते थे।वहाँ बड़े- बड़े सेमिनारों