दह--शत - 22

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दह--शत [ नीलम कुलश्रेष्ठ ] एपीसोड – 22 “हाँ, जी कविता मैडम को पहचानता हूँ।” दुकानदार समिधा की बात का उत्तर देता है। “उनका मोबाइल बंद है। यदि वह बाहर सड़क पर आये उसे बता दीजिये आज महिला समिति की चार बज़े मीटिंग है।” वह कविता के बंद घर रखने के नाटक से सशंकित है वर्ना उसे पता है महिला समिति तो वह कब की छोड़ चुकी है। चार बज़े वह तैयार होकर निकलती है। आज उसने लाल बॉर्डर वाली कलकत्ते की साड़ी बहुत दिनों बाद पहनी है। सुर्ख रंग के कोरल्स की माला भी बहुत दिनों बाद पहनी है।