आभा अपने पिता की लाडली दो भाइयों की बहिन थी ।उसके एक गलत कदम ने उसे कहाँ से कहाँ पंहुचा दिया था।काश उसने भावनाओं में बहकर गलत कदम नउठाया होता तो आज वो भी किसी घर की रौनक होती।यूँ नारी निकेतन में न पड़ी होती ।आभा अतीत की यादों मेंखो गई थी ।एक मिस्ड कॉल से शुरू हुई कहानी का अंत इस प्रकार होगा उसने सोचा भी नहीं था।बात उस समय की है जब वह स्नातक की द्वितीय बर्ष की छात्रा थी ।कैसे उस रात उसके मोबाइल पर मिस्ड कॉल आई उसने रॉंग नंबर कह कर कॉल काटनी चाही लेकिन ऐसा कर नहीं पाई।कॉल