पुस्तक समीक्षा- आसाम की जनता का सच- लाल नदी

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पुस्तक समीक्षा- आसाम की जनता का सच: लाल नदी समीक्षक- राजनारायण बोहरे हमारे देश का पूर्वी भाग सदा से अल्पज्ञात और उपेक्षित सा रहा है। उपेक्षित इस मायने में कि बाकी देश वासियों ने इस क्षेत्र के समाज, संस्कृति और साहित्य से कोई लगाव या उत्सुकता प्रकट नहीं की, इस कारण हिन्दी साहित्य में भी पूर्वी प्रदेशों के साहित्य का उतना आवागमन नहीं हुआ