समर्पण

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आज एक बार फिर उसे मन मारना पड़ा । कई दिनों से सोच रही थी कि समीर घर की मरम्मत करायेंगे तो ये करवाउंगी वो करवाउंगी क्योंकि समीर तो सारा दिन आफिस में रहते हैं में ही घर में रहती हूँ तो मुझे पता है कि कितनी परेशानी होती है सामान रखने में ।घर का सामान सब तरफ बिखरा रहता है पुराना घर जो ठहरा पुरानी तरह से बना है। पर उसे सुधरवाया तो जा सकता है पर नहीं समीर को तो जैसे सनक सवार है वो वही करता है जो उसे ठीक लगता है घर की हालत काफी खस्ता है