छूटा हुआ कुछ - 1

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छूटा हुआ कुछ डा. रमाकांत शर्मा 1. ‘उफ, क्या कहानी है’ – उमा जी ने उस पेज का कोना मोड़कर किताब बंद की और अपना चश्मा पास की मेज पर रखकर तकिये पर सिर रखते हुए अपने दोनों पैर पलंग पर पूरे फैला लिये। वे कुछ देर तक वैसे ही लेटी रहीं। कहानी को आगे पढ़ने से पहले वे कहानी के अब तक के घटनाक्रम को अपने मस्तिष्क में सिलसिलेवार लगा लेना चाहती थीं। किशोरावस्था की प्रेम कहानी थी वह। जिस मकान की पहली मंजिल पर वह किशोर (किरदार मैं) किराए पर रहता था, उसी मकान की दूसरी मंजिल पर