पूर्णता की चाहत रही अधूरी - 11

  • 4.9k
  • 1.5k

पूर्णता की चाहत रही अधूरी लाजपत राय गर्ग ग्यारहवाँ अध्याय दीपावली का त्योहार आ रहा था। वरिष्ठ अधिकारियों की कृपादृष्टि बनी रहे, इसलिये कनिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारी इस अवसर पर कोई-न-कोई उपहार उन्हें देते हैं। इस अवसर पर यह भी ध्यान रखा जाता है कि कौन-सा अधिकारी वरिष्ठता क्रम के अतिरिक्त कितने महत्वपूर्ण पद पर पदस्थ है। इन्हें दीवाली के उपहार इनके अपने व्यक्तित्व के कारण नहीं बल्कि जिस पद पर वे बैठे होते हैं, उस पद के कारण मिलते हैं। कुछ ऐसे अधिकारी भी होते हैं, जिनके साथ सर्विस के दौरान व्यक्तिगत सम्बन्ध बन जाते हैं। वे किसी भी