दूसरा इंतज़ार(अंतिम भाग)

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अगर उसके पिता की अचानक तबियत खराब न होती,तो शायद वह मुम्बई से न लौटता।उसने पिता का बहुत इलाज कराया।लेकिन बचाया नही जा सका।वह वापस नही लौट सका उसे अपने पिता के धंधे को सम्हालना पड़ा।"तुम दोनों बैठकर बाते करो।मै अभी आयी।"मौसी की आवाज सुनकर वह अतीत से वर्तमान में लौट आया था।"मौसी बता रही थी।तुम्हारी शादी हो गई।"माया ने दामोदर से पूछा था।"तीन महीने हो गए"।"गुपचुप शादी कर ली।मुझे खबर भी नही की।भूल गए मुझे।क्यो बुलाते?मै लगती कौन हू, तुम्हारी।बुलाया उसे जाता है,जिससे कोई सम्बन्ध हो",माया, दामोदर को उल्हाना देते हुए बोली,"शायद अपशकुन के डर से नही बुलाया होगा।मुझ