हिम्मत-ए-मर्दा

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"शादी को सात दिन हो गए हैं। लेकिन कायदे से हमारी सुहागरात अभी तक नहीं हुई।"आज शायद उसका पति कुछ ठान कर ही आया था।पर उसकी तरफ से कोई जवाब नहीं।उसने पहली रातों की तरह ही सोने का बहाना शुरू कर दिया।अब तक उनके बीच संक्षिप्त बातचीत ही हो पायी थी। पति से न रहा गया तो उसकी गर्दन को हाथ का सहारा देकर उसे बैठा कर दिया।"आज तुम मुझसे बात किये बगैर नहीं सो सकती।"नींद तो उसे भी नहीं आती थी। अब उसकी समझ में आ गया कि बात कर लेने का वक्त आ गया है।"क्या तुम किसी और