जय श्रीकृष्ण बन्धुवर!भगवान की अशीम अनुकम्पा से आज श्रीमद्भगवतगीता जी के चौदहवें अध्याय को लेकर उपस्थित हूँ। आपसभी बन्धुजन स3 निवेदन है कि आप सभी बन्धुजन श्रीगीता जी के इस अध्याय के अमृतमय शब्दो को पढ़कर, सूनकर और सुनाकर अपने जीवन को कृतार्थ करे!जय श्रीकृष्ण! ~~~~~~~~~~~~~~ॐ~~~~~~~~~~~~~ ?श्रीमद्भगवतगीता अध्याय-१४?श्री भगवान ने कहा- फिर भी ज्ञानों में श्रेष्ठ ज्ञान तुमको बताता हूँ। जिसके जानने से सारे मुनिजन मोक्ष रूप परम् सिद्धि को प्राप्त हुए हैं। ज्ञान की सहायता से मेरे स्वरूप को प्राप्त हुए लोग दृष्टि के समय जन्मते नहीं और प्रलयकाल में