आज के इस अंतर्जालीय युग में जब कोई चिट्ठी पत्री की बात करे तो सहज ही मन में उत्सुकता सी जाग उठती है कि आज के इस व्हाट्सएप, फेसबुक और ट्विटर के ज़माने लिखी गयी इन चिट्ठियों में आखिर लिखा क्या गया होगा या इन्हें किसने..किसको और क्या सोच कर भेजा होगा? क्या सही समय पर...सही चिट्ठी अपने नियत तय स्थान या पते पर पहुँच गयी होगी अथवा बराए मेहरबानी डाक विभाग, अपनी मंज़िल से भटकती हुई , ग़लती से इधर की चिट्ठी उधर और उधर की चिट्ठी इधर तो नहीं पहुँच गयी होगी? दोस्तों...इसी बात को अगर हम इस तरह