"तभी तुम बेलगाम घोड़ी की तरह इधर उधर घूमती फिरती हो"।"क्या मतलब?"दामोदर की बात सुनकर माया को गुस्सा आ गया,"तुम मुझ पर लाछंन लगा रहे हो?""मेंरे कहने का आशय वो नही है,जो तुम समझ रही हो?"माया का उग्र रूप देेखकर दामोदर घबरा गया।"तो तुम क्या कहना चाहते हो?""तुम जैसी हसीन पत्नी से कौन कम्बख्त दूर रहना चाहेगा । लेकिन तुम्हारा पति फ़ौज़ में है।बेचारा चाहकर भी तुमहारे पास नही रह सकता।"दामोदर ने दिल में आयी बात माया को बता दी।"बेेेचारी का पति हैै कन्हा?"कमरे में आते समय दामोदर की बात चन्द्रकान्ता ने सुन ली थी।इसलिए माया बोलती उससेे पहले चन्द्ररकांता