जय श्रीकृष्ण बंधुवर!श्रीगीताजी और परमेश्वर की कृपा से गीता जी के तेरहवें अध्याय के साथ आपके सम्मुख उपस्थित हूँ। श्रीगीताजी के अमृतमय शब्दो को पढ़कर अपने जीवन को कृतार्थ करे।जय श्रीकृष्ण!~~~~~~~~~~~~~ॐ~~~~~~~~~~~~~ ?श्रीमद्भगवतगीता अध्याय-१३?श्रीकृष्ण बोले- हे कौन्तेय! यह शरीर क्षेत्र कहलाता है और इसके जानने वालों को क्षेत्रज्ञ कहते हैं। सम्पूर्ण क्षेत्र में क्षेत्र मुझको जान। क्षेत्र और क्षेत्र का जो ज्ञान है मेरे मत से वही ज्ञान है। यह क्षेत्र कैसे रूप का है, इसमें कौन-२ से विकार होते हैं, उसको उत्पत्ति किस प्रकार से हुई और क्षेत्र का क्या