एक बूँद इश्क (12) उसका बेपरवाह उन्माद जोर-जोर से गरज रहा है। परेश हड़बड़ा कर उठ बैठा है- "रीमा...रीमा.....क्या हुआ है तुम्हें???" गणेश बुरी तरह घबरा गया है उसी के लाये तोहफे की बजह से रीमा की हालत बिगड़ी है। वह खुद को अपराधी मान कर काँप रहा है, नदी वाली घटना बिल्कुल ऐसी ही थी। बस इतना शुक्र था आज वह अकेला नही है। परेश ने गणेश को पानी देने का इशारा किया। तब तक रीमा बेसुध होकर परेश की बाँहों में झूल चुकी है। सहारा देकर बैड पर लिटा दिया। गणेश लगातार पानी के छीटें मार रहा है