बहनें ( तुम देना साथ मेरा )

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आज आशा का जन्म हुआ है। कोई और घर होता तो लक्ष्मी आने की खुशी में जश्न मनाया जाता किंतु आशा के घर में आज मातम पसरा हुआ है ‌। सुबह से घर में चूल्हा नहीं जला और आशा की दादी आशा की मां को व आशा को लगातार गालियां देती जा रही है कि इस करमजली को भी यहीं आकर मरना था। पहले ही दो-दो छोरियों का बोझा कम था क्या जो तुने इस तीसरी को भी जन दिया। मेरे कुल का नाम कौन आगे बढ़ायेगा। एक छोरे ही जन देती तीन-तीन छोरियों से तो।आशा की मां विमला ने