प्रेम ! शब्द सुनते ही लगता है दिल की धड़कन धीमी सी हो गयी और वो चेहरे याद आने लगते है जिनके पीछे आपने ना जाने कितने किलोमीटर तक बाइक चलाया था , ना जाने कितनी बार मास्टर जी से मार खायी थी , ना जाने कितनी बार मम्मी पापा के ताने सुने थे । घर की दिवारो से लेकर ,आधे मुड़े पन्नो तक या आसमान में उभरे उन नन्हे सितारो में मन होता है उसका चेहरा बना लें और बतिया ले दुनिया भर की दुरियां ,गिले शिकवे और प्रेम ।प्रेम और शराब दोनो के लिए कहा गया है '