कितनी मासूम कितनी कोमल हृदय की वह है जो भी देखता है वह दया भाव से भर जाता है, किसे मालूम होता है की जन्म के बाद उसने बाहर क्या-क्या दिन देखे होंगे। ये मना जाता है अनाथ लड़को का गुजारा हो जाता है लेकिन अनाथ लड़कियों का गुजारा बडी मुश्किल होती है। पुरे दुनिया मे जाने कितने लड़के-लड़किया अनाथ है। उस रोज लछमी बड़ी दुखी भाव से शीतल के घर पहुंची रात के 9 बज रहे थे शीतल ने लछ्मी को देखते ही पूछा इस वक़्त कहा घूम रही हो ये कोई घूमने का वक़्त है उच्ची अवाज मे शीतल