विदा रात(भाग 4 अन्तिम)

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"यह इल्ज़ाम नही हकीकत है,"बरखा बोली,"तुमने धारीरिक कमी को दूर करने के लिए शराब का सहारा लिया।शराब तुम्हे पुरसार्थ प्रदान नही कर सकी।तब तुम मुझसे कतराने लगे।मुझ से दूर रहने का प्रयास करने लगे।मैं चाहतो तो उसी समय तलाक का निर्णय ले सकती थी।लेकिन ऐसा करना जल्दबाज़ी लगी।"Shekharबरखा बोलते हुुुए रुकी। उसने देखा शेखर उसकी बाटे सुन रहा है।तब वह फिर बोली,"इसलिए तुमहारी नामर्दी का विश्वास होने पर भी मैने समझोता करने का प्रयास किया।तुुुम मुझसे दूूूर रहना चाहते थे लेकिन मै पास।मैैैने बेडरूम में पूरा सहयोग देन का प्रयास किया पर व्यर्थ।अब मैं तुुम्हारे साथ रहकर अपना जीवन