मे और मेरे अह्सास - 13

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मे और मेरे अह्सास भाग-13 आदमी खुद को जान लेता हैं lये जग उस को पहचान लेता है ll ************************************ शुरुआत जोरदार होने से कुछ नहीं होता lजीत ने का हौसला बरकरार रहेना चाहिये ll ************************************ स्थिर और एकाग्र मन ही योग है lसाफ और सच्चा हृदय योग है ll ************************************ ह्रदय समंदर जैसा विसाल रखो lजहा मे खुद की बड़ी मिसाल रखो ll ************************************ ए खुदा तू मेरे पापा जैसा बन lमेरे मांग ने से पहले वो lमेरी प्यारी चीज़ो से मेरी lजोली भर देते हैं ll ************************************ जिंदगी का सफर आसाँ नहीं है lहौसला बढ़ाने की कोशिश कर