जय श्रीकृष्ण बन्धुजन!भगवान श्रीकृष्ण और श्रीगीताजी की कृपा से आज मैं फिर से श्रीगीताजी के दसवें अध्याय को लेकर उपस्थित हूँ। आप सभी प्रियजन श्रीगीताजी के अमृतमय शब्दो को पढ़कर अपने जीवन को कृतार्थ करे। श्रीगीताजी आप सभी बंधुजनों की सारी महात्वाकांक्षाये पूरी कर।जय श्रीकृष्ण!~~~~~~~~~~~~~ॐ~~~~~~~~~~~~~~ ?श्रीमद्भगवतगीता अध्याय-१०?श्री कृष्ण भगवान ने कहा- हे महाबाहो! और भी मेरे कल्याणकारक वचन सुनो। तुमपर मेरी अत्यंत प्रीति है अतएव तुम्हारे कल्याण के लिये कहता हूँ। मेरी उत्पत्ति का हाल न तो देव गण जानते हैं और न महर्षि लोग। मैं ही देवों और महर्षियों का आदि कारण हूँ। जो मुझे