अब तक आपने पढ़ा- किस प्रकार षड्यंत्र करके जासूस ने व्यापारी को अपने प्रेम के रास्ते से हटाने के लिये नस्लवादी विचारों के सहारे, सेना का विद्रोह खड़ा करने की कोशिश की जिसे अभियान सहायक महोदय की सूझ-बूझ से विफल कर दिया गया। और व्यापारी ने यह भी देखा कि अभियान सहायक महोदय ने उसे दंड से किस प्रकार बचाया और किस प्रकार वात्सल्य से उस जासूस की पीठ पर हाथ फेरा। आखिर क्या अर्थ था इस सब का? आखिर क्या रहस्य था इस वात्सल्य का?... जानें इस भाग में... अनजाने लक्ष्य की यात्रा पे... भाग-20 एक षड्यंत्र