सलमा सितारा जड़ी मेरी साड़ी

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सलमा सितारा जड़ी मेरी साड़ी गीताश्री वह बार बार मुझसे टकरा रही थी। मैं उससे बचने की कोशिश करती हुई भीड़भाड़ में इधर उधर हो रही थी। जब जब पास से टकरा कर निकलती, उसकी साड़ी से कोई चमक फूटती और मेरी आंखें चौंधिया जाती। दिल्ली में भी खूब कशीदाकारी वाली डिजाइनर साड़ियां पहने देखा है स्त्रियों को, वे चमकती भी हैं, लेकिन किसी को चमकाती नहीं हैं। इतना लहरा कर भी नहीं निकलती कि आंखों में सितारे नाचने लगे। इतनी चमचम साड़ी मैंने पहली बार देखी है। सिर पर आंचल और मुहं से पल्लू दबाए, वह मेरे आसपास ही