Chapter 8 उसी दिन शाम को, (आरुषि की फ्रेंड्स उसके घर पर आती है और उसे साथ में मार्किट चलने के लिए ज़िद करने लगती है, आरुषि अपनी फ्रेंड्स को मना करती हैं लेकिन फिर भी वो सब