आधा आदमी अध्याय-10 दीपिकामाई की कहानी बीच मंझधार में आकर रूक गई। उन्होंने जो पन्नें दिए थे वह ज्ञानदीप ने पढ़ लिए। आगे दीपिकामाई के साथ क्या हुआ? यह उत्सुकता उसके ज़ेहन में एक जासूसी नॉवेल की तरह बनी थी। काश! वह भी महाभारत के संजय की तरह देख पाता कि आगे क्या हुआ। ज्ञानदीप, दीपिकामाई को लेकर बेहद चिन्तित था। इसी उधेड़ बुन में उसे यह भी याद नहीं रहा कि उसे टयूशन पढ़ाने जाना हैं। ज्ञानदीप सारी रात करवटें लेता रहा। चन्द्रमुखी छज्जे पै खड़ी सूरज की आँख खुलते ही कोहरे का वर्चस्व खत्म हो गया। धूप की