अग्निपरीक्षा

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अग्निपरीक्षा तड़ाक!!!!!!!! जोर का थप्पड़ पड़ा सूरज के गाल पें..... सूरज लडखडा कर पीछे हो गया..... उसने सोंचा भी नहीं था कमजोर सी दिखने वाली राधिका उस पर इस तरह हाथ उठाएंगी ......शराब का नशा पूरा एक ही थप्पड़ में उतर गया.... हिम्मत कैसे हुई तेरी मुझे छूने की?????क्या समझा है तुने, औरत को???? औरत सिर्फ भोगने के लिए नहीं हैं.....समझ के क्या रखा है, तुने....चंडी का रूप धारण कर लिया था राधिका ने ..... साली.....सती सावित्री बनती है, तू खुद आई ना मेरे साथ.....तुझे भी तो मजा आ रहा था ना मेरी बातों का.....खूब हँसी आ रही थी ना.....पास