दिसंबर की ठण्ड और संडे। दोनों अक्सर देर तक सोने की वजह बन ही जाते है। हमेशा की तरह आज भी जैसे ही मैंने चादर से मुँह बाहर निकाला तो आँखें बिस्तर के सिरहाने रखे फोटो फ्रेम पर रुक गयी; सामने रेयान की तस्वीर थी। “हैप्पी बर्थडे रेयान”, मैंने फ्रेम में लगी तस्वीर को उठाते हुए कहा। तभी मोबाइल बजने लगा। मैंने फोटो फ्रेम वापिस सिरहाने रखते हुए मोबाइल उठाया तो देखा कि मोनिका कॉल कर रही है । “हेल्लो मोनिका”, इतना कहते ही उधर से आवाज आयी “गुड मोर्निंग प्रिया। आज ऑफिस आ रही है ना?” “नहीं आज