आधा आदमी अध्याय-5 ज्ञानदीप उसे इस हालत में देख कर पीठ घुमाकर खड़ा हो गया। साहिबा को आभास हुआ कि कोई बरामदे में है। उसने पलटकर देखा, तो उसकी शंका सही थी। वह तेजी से कमरे की तरफ़ भागी। साहिबा को लिंग रहित देख कर ज्ञानदीप की चेतना के एक-एक तार हिल गए। पहली बार उसने किसी हिजड़े को निर्वस्त्र देखा था। वह लिंग जिससे संसार की उपज हुई। सल्तनत की सल्तनत तबाह हो गई। उसी लिंग का हिजडे़ समाज में कोई महत्व नहीं हैं? यह कैसा रहस्यमय समाज हैं? जहाँ हिजड़ा बनने के लिए इतनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ती