बाली का बेटा (16)

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16 बाली का बेटा बाल उपन्यास राजनारायण बोहरे विभीषण से भेंट हनुमानजी सुनाने लगे- उस मकान के सामने पहुंचा तो देखा कि बाकी मकानों पर पहरा लगा था लेकिन इस मकान पर कोई पहरा न था। मैंने देखा कि दरवाजे के बाहर ओम लिखा हुआ था और धनुष बाण के चित्र बनाये गये थे। भीतर आंगन में तुलसी का पौधा लगा था, जिसके पास वे सज्जन आँख मूँद कर बेठे किसी भजन में डूबे हुए थे। मैंने अपनी गदा छिपाई और जय श्रीराम कहते भीतर प्रवेश किया तो वे सज्जन चौंक कर उठे और