आघात - 50

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आघात डॉ. कविता त्यागी 50 ब्राहृमण भोज संपन्न हो चुका था । रणवीर की मौत पर सहानुभूति प्रकट करने के लिए आये हुए नाते-रिश्तेदार और परिचित लोग उसके बेटों की गिरफ्तारी होने के बाद धीरे-धीरे विदा हो रहे थे, परन्तु, पूजा को कोई सुध-बुध नहीं थी । वह पूर्णतया निश्चल-निष्क्रिय अपने बिस्तर पर लेटी रही । उस अवस्था में पूजा को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था कि वह अचेत पड़ी है । निश्चेष्ट अवस्था में पडे़-पडे़ पूजा को वह क्षण स्मरण हो आया, जब वह रणवीर के शव की पहचान करने के लिए गयी थी । वहाँ उसको शव