आधा आदमी - 2

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आधा आदमी अध्‍याय-2 अभव कहित हय सुधर जाव.‘‘ कुल्ली ने हाथ हिला कर कहा। ‘‘अरी जा पहिले अपनी सोच, बड़ी आई हैं भविष्यवाणी माता बन के.‘‘ ‘‘अरी ऐ करमजलियों, ई डिग्गी (ढोलक) काहे बंद कर दी.‘‘ दीपिकामाई की आवाज़ हाल में गूँजी। यह सुनते ही कुल्ली ढोलक बजाने लगी। एक बार फिर बेसुरा संगीत छिड़ गया। दीपिकामाई ऊँचे से आसन पर आसीन थी। उनके चेहरे पर गाढ़ी मेकअप थी। पतली-पतली भौंहे काजल से बनी थीं। बालों पर डाई ऐसी जैसे किसी ने काले रंग से पेंट कर दिया हो। कान, नाक, गला, कलाईयां, उंगलियाँ सोने से चमक रही थी। अपनी