हड़पने की नियतआर ० के ० लाल मिलन अपनी मस्ती मे चला जा रहा था तभी अपने फुलवारी में खटिया पर बैठे हुए अजोध्या काका ने उसे आवाज़ दी, जहाँ उन्होंने बहुत सारी हरी सब्जियाँ लगा रखी थी और दिन रात वह उन सब्जियों की रखवाली के लिए वहीं पड़े रहते थे । मिलन अजोध्या काका के पास जाकर बैठ गया तो उन्होंने चिलम निकाल कर पीते हुए कहा, “ जब से तुम आए हो दिन भर घर में घुसे रहते हो, यहाँ फटकते भी नहीं हो। मुंबई का हाल –चाल तो बता दो, तुम भी यहीं रहोगे या वापस चले