( कहानी शुरु होती है उस समय में, जब इंटरनेट था पर स्मार्ट्फोन नहीं। घर पर एक लैंडलाइन हुआ करता था और घर के प्रमुख के पास नोकिया का मोबाइल फोन। मोटे और बड़े से टीवी-कम्प्यूटर थे, और लोग मेसेज करने की जगह मिलकर बात किया करते थे। ) ये कहानी है गौरव और अंकिता की, जिन्होंने प्यार का हर एक मौसम बहुत करीब से महसूस किया। बोर्ड परीक्षा के परिणाम आए एक ही दिन हुआ था। गौरव अखबारों में अपनी तस्वीर ढूंढता फिर रहा था। शहर में आने वाले सभी अखबार आज उसके घर में थे।